रविवार, 19 जून 2016

ब-ज़रिए Twitter : तो क्या पाकिस्तान अब कठमुल्लावाद से मुक्ति चाहता है

पिछले कुछ महीनों से हम जिस पाकिस्तान को कठमुल्लाओं से घ‍िरा पाते थे , उसमें तब्दीली आने की उम्मीद जागी है और इस उम्मीद का सबब बना है सोशल साइट Twitter के ज़रिए आती कुछ खबरों को देखकर । इन खबरों ने न सिर्फ पाकिस्तानी नियामक संस्थाओं, नेताओं और कथ‍ित इस्लामी ठेकेदारों और इन्हें बढ़ावा देने वाले इनके सरमाएदारों के स्वार्थी  नज़रिए को उजागर कर दिया बल्कि यह भी जता दिया कि अगर अवाम जाग जाऐ तो इसी तरह बख‍िया उधेड़ी जाती है जैसे कि इन तीन खबरों में उधेड़ी जा रही है। लोग गुस्से का इज़हार कर रहे हैं और इज़हार कर पा रहे हैं इसीको बदलाव का वायस माना जा सकता है।
ये तीनों खबरें देख‍िए –
खबर नं. एक- 19 june
रमज़ान शो पर पाबंदी से पाक सोशल मीडिया नाराज़
पाकिस्तान के ट्विटर यूज़र देश की मीडिया नियामक संस्था के दो रमज़ान शो के प्रसारण पर रोक लगा देने से ग़ुस्से में हैं. पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी पेमरा (पीईएमआरए) ने अभिनेता और टीवी शो होस्ट शब्बीर अबू तालिब के आज टीवी और न्यूज़ वन प्राइवेट चैनल पर चलने वाले रमज़ान शो पर पाबंदी लगा दी है.
पेमरा के अनुसार उन्हें रमज़ान से जुड़े शो के प्रसारण के बारे में व्हाट्सऐप, ट्विटर और टेलीफ़ोन कॉल के ज़रिए 1,000 से अधिक शिकायतें मिली. इन्हीं शिकायतों के आधार पर उन्होंने शुक्रवार को पाबंदी जारी की है. शिकायत करने वालों का कहना है कि शो में उत्तेजक सामग्री का प्रसारण किया गया.
हमज़ा अपने शो “रमज़ान हमारा ईमान” में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय और ईशनिंदा क़ानून के बारे में चर्चा करते दिखते हैं.
ट्विटर पर लोग पेमरा के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ जमकर बरसे.
यूजर इमरान ग़ज़ाली ने ट्विट किया, “@iamhamzaabbasi पर प्रतिबंध लगाने के लिए #PEMRA को शर्म आनी चाहिए. अथॉरिटी टीवी पर सभी तरह का कूड़ा दिखाने की इजाज़त देती है लेकिन एक व्यक्ति पर हमला करती है!”
काशिफ़ एन चौधरी नाम के यूज़र का कहना है, “ऐसे देश पर दया आती है जहां आपके सवाल पूछने पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं. “क्या सभी देशवासियों के अधिकार समान नहीं हैं?” जिन्ना का पाकिस्तान रो रहा है! #PEMRA”
इसी तरह, ट्विटर यूज़र इलमाना ने ट्विट किया, “#HamzaAliAbbasi ने इंसानी जीवन की पवित्रता को बनाए रखने पर एक उचित सवाल उठाया और मुल्ला उनकी जान के प्यासे हो गए.”
इससे पहले पेमरा ने रमज़ान महीने के दौरान रेप, हत्या, डकैती और आत्महत्या जैसे अपराधों को दिखाने वाले शो पर पाबंदी का ऐलान किया था.
…………………………………..
खबर नं. 2- 12 june
जब धर्म का कारोबारी ये सब कर रहा था तब उसका रोज़ा था
पाकिस्तान में एक इस्लामी राजनेता की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. उन्होंने एक टीवी शो में नारीवादी कार्यकर्ता मार्वी सर्मद के लिए भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया था. शुक्रवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग के दौरान जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फ़ज़ल) के नेता हाफ़िज़ हमीदुल्ला ने मार्वी सर्मद को गालियां दीं.
कार्यक्रम में एक अन्य मेहमान बेरिस्टर मसरूर की टिप्पणी पर जब मार्वी ने कहा कि ‘मैं सहमत हूँ’ तब हमीदुल्ला और मार्वी के बीच बहस शुरू हो गई जो धमकी और गाली-गलौच तक पहुँच गई. मार्वी ने हमीदुल्ला की आलोचना अपने फ़ेसबुक पन्ने और ट्विटर पर की है.
उन्होंने लिखा, “जब धर्म का कारोबारी ये सब कर रहा था तब उसका रोज़ा था.”
हमीदुल्ला पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट के सदस्य भी हैं. ट्विटर पर बहुत से लोगों ने सांसद और इस्लामी नेता हमीदुल्ला के व्यवहार को शर्मनाक़ बताया है.
मुनिज़ा-ए-जहांगीर (@MunizaeJahangir ) ने लिखा, “मैं मार्वी पर हमीदुल्ला के शारीरिक और ज़बानी हमले की निंदा करती हूँ. जमीयत और उनका समर्थन करने वाले नेताओं को शर्म आनी चाहिए.”
एक अन्य यूज़र डॉक्टर राशिद अली ने लिखा, “मैं मार्वी सिर्मद का फ़ैन नहीं हूं लेकिन हमीदुल्ला का व्यवहार शर्मनाक है. एक तोता याद तो कर सकता है लेकिन समझ नहीं सकता.”
शफ़ाक़त महमूद (‏@Shafqat_Mahmood ) ने लिखा, “ये महिलाओं के प्रति उनके नज़रिए का उदाहरण है.”
वहीं कुछ लोगों ने मार्वी की आलोचना भी की है.
तलहा बिन हामिद (@talhamid ) ने लिखा, “मार्वी की आलोचना क्यों नहीं हो रही है? क्या महिला और उदारवादी होना का मतलब ये है कि वो धर्मगुरू के साथ बुरा बर्ताव करें और बच जाएं.”
काशिफ़ (@aSuaveJerk ) ने ट्वीट किया, “मुझे नहीं लगता कि हाफ़िज़ हमीदुल्ला ने सिर्मद को पीटने की कोशिश की, न ही हालात इतने ख़राब थे. सिर्मद के दावों पर शक होता है.”
कुछ लोगों ने ये भी कहा कि इन दोनों को राष्ट्रीय टीवी की बहसों से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए
सबीना सिद्दीक़ी (@sabena_siddiqi ) ने लिखा, “राष्ट्रीय टीवी पर भद्दी लड़ाई. मार्वी और मुल्ला दोनों को टीवी की बहसों से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.”
……………………………….
खबर नं. 3- 28 may
पेमरा ने कंडोम के विज्ञापनों के रेडियो और टीवी प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया
पाकिस्तान में प्रसारण नियामक संस्था पेमरा ने कंडोम के विज्ञापनों के रेडियो और टीवी प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सभी मीडिया संस्थानों को भेजे गई एक अधिसूचना में पेमरा ने टीवी और रेडियो चैनलों से परिवार नियोजन साधनों के विज्ञापनों के प्रसारण पर तुरंत रोक लगाने के लिए कहा है.
पेमरा को ग़ैर ज़रूरी परिवार नियोजन साधनों के विज्ञापन के बारे में शिकायतें मिली थीं जिन पर कार्रवाई करते हुए ये क़दम उठाया गया है.
अधिसूचना में कहा गया है कि मासूम बच्चों पर ऐसे प्रॉडक्टों के विज्ञापनों का ग़लत असर पड़ सकता है.
पाकिस्तान में कंडोम के विज्ञापन कम ही प्रसारित किए जाते हैं और परिवार नियोजन जैसे विषयों पर बात भी कम ही होती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ देश के कट्टरपंथियों और रूढ़िवादियों के विरोध को देखते हुए विज्ञापनकर्ता इससे दूर ही रहते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार पाकिस्तान की एक तिहाई आबादी को परिवार नियोजन साधन तक पहुँच नहीं है, हालाँकि पाकिस्तान की आबादी सालाना दो प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है.
सोशल मीडिया पर पेमरा के इस निर्णय की कई लोग आलोचना कर रहे हैं.
फ़हमिदा इक़बाल ख़ान ने ट्वीट किया, “पेमरा कुछ तो समझदारी दिखाओ. ये 21वीं सदी है, कृपया जनजागरूकता अभियान को न रोको.”
एक यूजर ने @aunty_karachi हैंडल से ट्वीट किया, “पेमरा को अश्लीलता पर फ़़ोकस करना चाहिए जागरूकता पर नहीं!”
इमरान सईद ख़ान ने ट्वीट किया, “प्रिय पेमरा, परिवार नियोजन विज्ञापनों को बैन मत करो. इन दिनों कुछ अवांछित वयस्क गर्भनिरोधकों की जानकारी नहीं होने के कारण पैदा हुए.”
गुल बुख़ारी ने ट्वीट किया, “काश पेमरा अफ़सरों के माता-पिता ने कंडोम का इस्तेमाल किया होता.” एक अन्य यूज़र नाइला इनायत ने ट्वीट किया, “किसी को पेमरा को बताना होगा कि विज्ञापनों का प्राथमिक उद्देश्य क्या है. क्या वे इस्लामिक विचारधारा परिषद से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं?”
– Alaknanda singh

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें