शुक्रवार, 3 मार्च 2017

ख़ुदा के वास्‍ते !: कविता- ये गरल तुम्‍हें पीना होगा

ख़ुदा के वास्‍ते !: कविता- ये गरल तुम्‍हें पीना होगा: सृष्‍टि की खातिर शिव ने तब एक हलाहल पीया था, अब एक हलाहल तुमको भी इसी तरह पीना होगा, समरस सब होता जाए, निज और द्विज में फर्क मिटे, आग्रह...

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